Brain Eating Amoeba पीने का पानी जान ले सकता है Kerala में High Alert

क्या है Brain Eating Amoeba ? Brain eating amoeba, जिसे वैज्ञानिक भाषा में Naegleria fowleri कहते हैं, एक microscopic amoeba है जो गंदे और गर्म मीठे पानी और soil में पाया जाता है। ये आमतौर पर नाक के रास्ते शरीर में जाता है और सीधे दिमाग पर अटैक करता है, जिससे primary amoebic meningoencephalitis (PAM) नामक जानलेवा बीमारी हो जाती है। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

People wearing masks checking a village well contaminated, and an illustration showing a red brain eating amoeba creature.
केरल के गांव में कुएं के पानी में brain eating amoeba का खतरा – सतर्कता जरूरी

ताजा मामला – Kozhikode, Kerala में हड़कंप

Kozhikode, Kerala में अब तक तीन ताजे मामले सामने आए हैं, जिसमें 9 साल की बच्ची की मौत हो गई है। दो और मरीज, जिनमें एक तीन महीने का baby भी है, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट ने Kozhikode जिले में alert जारी कर दिया है, और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.

Brain Eating Amoeba के लक्षण और कैसे फैलता है?

  • तेज़ बुखार, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन में अकड़न
  • मुँह या नाक के जरिए पानी या मिट्टी में मौजूद amoeba शरीर में जाता है
  • Infection के बाद 1 से 14 दिन में गंभीर लक्षण दिखते हैं, और हालत तेजी से बिगड़ती है

Brain eating amoeba मुख्य रूप से नहाने या तैरने के दौरान contaminated पानी के जरिए नाक से दिमाग तक पहुंचता है। लेकिन, हाल के मामलों में घरेलू well water के कारण भी संक्रमण की संभावना दिखी है, खासकर बच्चों में. ये भी पढ़ें Fake Putin: Alaska Summit में Trump से मिले थे नकली Putin जाने मामला

क्यों बढ़ रहे हैं केस?

  • Environmental pollution और climate change के चलते केरल में ऐसे मामलों की संख्या बढ़ी है
  • Acute Encephalitis Syndrome (AES) के ज्यादा टेस्ट होने से मामलों की पहचान जल्दी हो रही है
  • पुरानी गंदगी और well water जैसी neglected जगहों में भी amoeba पनप सकता है

Brain Eating Amoeba से सावधानी और बचाव

  • तालाब, नदी, stale water या साफ नहीं रखे गए well water में तैरने या नहाने से बचें
  • अगर possible हो तो well water को chlorinate करें और टेस्ट करवाएं
  • बच्चों को खास साफ सफाई और पानी के इस्तेमाल में सतर्क रखें
  • तेज बुखार, सिरदर्द या neurological लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

केरल में हालात और स्वास्थ्य विभाग का अलर्ट

केरल में पहले के मुकाबले इस जानलेवा बीमारी में मौत के मामलों की दर कम हुई है — जहां global fatality rate 97% है, वहाँ केरल में ये 25% तक घट गया है, विशेष इलाज और जागरूकता के चलते. 2025 के अगस्त महीने में भी तीन नये केस सामने आ चुके हैं, इसीलिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने district alert जारी किया है और खासतौर से बच्चों व घर के wells की साफ-सफाई पर ज़ोर दिया है. ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

FAQs: Brain Eating Amoeba (ब्रेन ईटिंग अमीबा)

Brain eating amoeba (Naegleria fowleri) क्या है?

(Naegleria fowleri) Brain eating amoeba एक microscopic organism है, जो गर्म और गंदे ताजे पानी, जैसे lake, pond या well water में पाया जाता है। ये नाक के जरिए शरीर में जाकर दिमाग पर अटैक करता है।

Brain eating amoeba से infection कैसे होता है?

अगर कोई contaminated पानी में तैरता है या नहाता है और वो पानी नाक में चला जाता है, तो Naegleria fowleri दिमाग तक पहुंच सकता है, जिससे infection होता है।

Brain eating amoeba infection के मुख्य symptoms क्या हैं?

इसके symptoms में तेज बुखार, सिरदर्द, neck stiffness, उल्टी, confusion और seizures शामिल हैं। लक्षण जल्दी बढ़ते हैं और हालत गंभीर हो जाती है।

Brain eating amoeba से बचाव कैसे करें?

गर्म, गंदे या well water में तैरने या नहाने से बचें। पानी में जाते वक्त नाक को ढँक कर रखें या nose clip का इस्तेमाल करें। साफ और chlorinated पानी ही इस्तेमाल करें।

क्या Brain eating amoeba infection एक व्यक्ति से दूसरे को फैलता है?

नहीं, ये infection सिर्फ contaminated पानी के नाक में जाने से होता है। व्यक्ति से व्यक्ति में नहीं फैलता।

Disclaimer:

इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। सभी तथ्य, उद्धरण और घटनाएँ लेखन के समय सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार हैं। मैंने तथ्यों की रिपोर्टिंग में वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष रहने का प्रयास किया है, लेकिन विश्लेषण और व्याख्याएँ मेरी अपनी हैं और किसी भी संगठन या व्यक्ति की आधिकारिक राय नहीं हैं। सभी पाठकों को सलाह है कि वे अतिरिक्त शोध करें और विश्वसनीय स्रोतों से दावों की पुष्टि करें।

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