CM Hemant Shoren के पिता Shibu Shoren का देहांत, Jharkhand में राजनितिक उथल पुथल

CM Hemant Shoren के पिता Shibu Shoren झारखंड के प्रसिद्ध और सम्मानित जनजातीय नेता थे। उनका जन्म 11 जनवरी 1944 को नेमरा गांव में हुआ था। एक साधारण जनजातीय परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने अपनी समर्पित मेहनत और संघर्ष से खुद को एक मजबूत राजनीतिक व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया। वे Jharkhand Mukti Morcha (JMM) के संस्थापक थे और दशकों तक जनजातीय अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे।

CM Hemant Soren and Shibu Shoren holding JMM manifesto for the elections.
CM Hemant Shoren ने Shibu Shoren के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा का घोषणा पत्र जारी किया।

राजनीतिक आरंभ और संघर्ष

उनका राजनीतिक सफर 1970 के दशक में शुरू हुआ। 1972 में उन्होंने Jharkhand Mukti Morcha (JMM) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य झारखंड को एक स्वतंत्र राज्य बनाना था। उन्होंने 1977 में पहली बार चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। 1980 में उन्होंने दुमका लोकसभा सीट से स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में सफलता हासिल की, जिसके बाद वे कई बार लोकसभा और राज्यसभा सदस्य चुने गए। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

Jharkhand राज्य गठन में CM Hemant Shoren के पिता Shibu Shoren का योगदान

Shibu Shoren ने jharkhand राज्य के गठन के लिए कठोर संघर्ष किया। उनका नेतृत्व जनजातीय समुदाय के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए समर्पित था। वर्ष 2000 में झारखंड राज्य के रूप में अलगाव की प्राप्ति उनकी राजनीतिक यात्रा की एक बड़ी जीत थी। वे तीन बार jharkhand के मुख्यमंत्री भी बने, हालांकि उनकी सरकारें राजनीतिक उलझनों के कारण अधिक समय तक नहीं चल पाईं। 2004 में उन्होंने भारत सरकार में कोयला मंत्री के रूप में भी काम किया और जनजातीय भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयासरत रहे।

बीमारियां और निधन

कुछ समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे Shibu Shoren को किडनी की बीमारी थी और लगभग डेढ़ महीने पहले उन्हें स्ट्रोक भी आया। वे Delhi के सायर गंगाराम अस्पताल में जीवन समर्थन प्रणाली पर थे। 4 अगस्त 2025 को उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु से Jharkhand की राजनीति और जनजातीय समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई।

CM Hemant Shoren के पिता के देहांत पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

उनकी मृत्यु पर प्रधानमंत्री Narendra modi, गृहमंत्री Rajnath singh सहित कई राष्ट्रीय नेताओं ने संवेदना प्रकट की और उन्हें एक समर्पित और सच्चे जनजातीय नेता के रूप में याद किया। Shibu Shoren के निधन के बाद झारखंड की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आया है। उनके पुत्र Hemanth shoren अब JMM के नेतृत्व में हैं, पर उन्हें पार्टी और जनजातीय वोट बैंक की उम्मीदों को निभाना कठिन लग रहा है। विपक्षी दल इस मौके का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक मजबूती के लिए करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

CM Hemant Shoren के पिता के मृत्यु के बाद राजनीतिक प्रभाव

  • JMM के पुराने समर्थकों के बीच भावना कम हो सकती है।
  • जनजातीय लोगों में नेतृत्व की कमी महसूस की जाएगी।
  • विपक्षी दल जनजातीय वोट हासिल करने की कोशिश करेंगे।
  • हेमंत सोरेन के नेतृत्व को नई चुनौतियां मिलेंगी।
  • झारखंड की राजनीति में शिबू सोरेन की भूमिका का स्थान खाली रह जाएगा।

निष्कर्ष

शिबू सोरेन का जीवन और राजनीतिक संघर्ष अनेक लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके द्वारा किए गए जनजातीय अधिकारों के लिए संघर्ष और झारखंड राज्य के गठन में उनका योगदान अमूल्य है। उनकी कमी झारखंड की राजनीति में लंबे समय तक महसूस की जाएगी। आने वाले समय में उनकी पार्टी और उनके उत्तराधिकारी अपने नेतृत्व और प्रतिबद्धता से इस विरासत को संजोने का प्रयास करेंगे। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

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