Indian Economy News : 2038 तक India 2nd बड़ी PPP अर्थव्यवस्था होगा

Indian Economy News में आज बड़ा अपडेट आया। Ernst & Young Global Limited के नए Economy Watch (August 2025) के अनुसार India 2038 तक PPP आधार पर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। US के 50% tariffs लागू होने के बावजूद रिपोर्ट India की दीर्घकालिक गति को मज़बूत बताती है। रिपोर्ट के मुताबिक PPP GDP 2030 तक लगभग $20.7 trillion और 2038 तक करीब $34.2 trillion तक जा सकता है। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

Indian economy news update showing Prime Minister Narendra Modi with Indian flag and Donald Trump reacting to US tariffs impact on India
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Indian Economy News क्या बदला : 50% US tariffs और नया Vision

बुधवार से US ने India से आने वाले कई निर्यातों पर 50% tariffs लागू किए। कारण के तौर पर Russian oil खरीद पर कड़ा रुख सामने आया। इसके ठीक बाद EY ने नया आउटलुक जारी किया और कहा कि India मध्यम से लंबी अवधि में तेज़ी बनाए रख सकता है। साथ ही, रिपोर्ट बताती है कि यह झटका निकट अवधि में सीमित असर छोड़ सकता है। ये भी पढ़ें Australia vs Iran ऑस्ट्रेलिया ने ईरान पर लगाए यहूदी-विरोधी हमले का आरोप

PPP क्या होता है और यह क्यों Important है

PPP का मतलब है – Purchasing Power Parity (क्रय शक्ति समानता)।
सरल शब्दों में, यह दिखाता है कि अलग-अलग देशों की मुद्राओं से लोग अपनी स्थानीय अर्थव्यवस्था में कितना और क्या खरीद सकते हैं। ये भी पढ़ें Iran’s Supreme leader Khamnei ने कहा वो अमेरिका की बात नहीं मानेगा

उदाहरण के लिए, India में ₹100 से जो सामान मिलता है, वही सामान US में $2 में मिल सकता है। केवल डॉलर-रुपया विनिमय दर से तुलना करने पर पूरी सच्चाई नहीं दिखती। PPP इस अंतर को ठीक करता है और बताता है कि असली क्रय शक्ति किस देश में कितनी है।

इसलिए, जब India का GDP in PPP terms बड़ा बताया जाता है, तो इसका मतलब यह है कि भारतीय लोग अपनी मुद्रा से स्थानीय बाज़ार में बहुत अधिक खरीदारी कर सकते हैं और यही वजह है कि वैश्विक रैंकिंग में India ऊपर आता है।

Indian Economy News – 2030 और 2038 का Aim

EY का आकलन बताता है कि 2030 में India का PPP GDP $20.7 trillion तक पहुँच सकता है। फिर 2038 तक यह बढ़कर $34.2 trillion के पास जा सकता है। इसके बाद India PPP के हिसाब से दूसरे स्थान पर आ सकता है। इसलिए, रिपोर्ट India के लिए मज़बूत दीर्घकालिक ट्रैक दिखाती है। ये भी पढ़ें Donald Trump Health News : खुला हाथ पर मेकअप का चौकाने वाला राज़

Indian Economy को ताकत कहाँ से आती दिख रही है

सबसे पहले, जनसांख्यिकी India के पक्ष में खड़ी है। 2025 में median age लगभग 28.8 years के आस-पास है, इसलिए श्रमबल बड़ा और बढ़त वाला दिखता है। इसके अलावा, उच्च savings और investment दर पूँजी निर्माण को गति देती है। साथ ही, fiscal consolidation से स्थिरता बढ़ती है। और, GST, IBC, UPI और PLI जैसे सुधार प्रतिस्पर्धात्मकता को चौड़ा करते हैं। इसके साथ, सरकार infrastructure पर निवेश बढ़ाती है और AI, semiconductors, renewables जैसी तकनीकों का विस्तार करती है। नतीजा, दीर्घकाल में क्षमता और लचीलापन दोनों सुधरते हैं।

US tariffs का असर: कितना और कैसे

EY का अनुमान कहता है कि 50% tariffs का कुल असर GDP के लगभग 0.9% के बराबर हो सकता है। हालांकि, सही रणनीति से वृद्धि पर वास्तविक चोट सिर्फ 0.1 percentage point के आसपास सिमट सकती है। इसलिए, अब सबसे महत्वपूर्ण काम तीन मोर्चों पर तेज़ी लाना है—

  • एक, export diversification बढ़ाना।
  • दो, domestic demand को मजबूत रखना।
  • तीन, trade partnerships को आगे बढ़ाना।
    इस तरह, झटका सीमित रह सकता है और दीर्घकालिक ट्रेंड बरक़रार रह सकता है।

वैश्विक संदर्भ: India क्यों अलग दिखता है

दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ ageing, उच्च debt, और व्यापार पर अत्यधिक निर्भरता जैसी चुनौतियों से जूझती हैं। इसके उलट, India युवा आबादी, बेहतर savings-investment प्रोफ़ाइल और सुधारों की निरंतरता के कारण अलग दिखता है। इसी कारण, IMF और EY जैसे संस्थान India की mid-to-long term ग्रोथ को बेहतर मानते हैं। रिपोर्ट यह भी बताती है कि debt-to-GDP 2024 के 81.3% से 2030 तक लगभग 75.8% तक आ सकता है, इसलिए fiscal मोर्चे पर स्थिति धीरे-धीरे सुधरती दिखती है। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

Indian Economy News – Planning

सबसे पहले, tariff-sensitive सेक्टरों के लिए त्वरित राहत उपाय ज़रूरी हैं। फिर, logistics सुधार और port क्षमता बढ़ाना चाहिए, ताकि supply chains तेज़ और सस्ती चलें। इसके अलावा, FTAs और market access पर प्रगति बनी रहनी चाहिए। साथ ही, AI talent, chip design, battery storage, और green hydrogen जैसे उभरते क्षेत्रों में मिशन मोड निवेश India के दीर्घकालिक लक्ष्यों को गति देता है। कुल मिलाकर, यही कदम Viksit Bharat 2047 के लक्ष्य के साथ मेल खाते हैं। (विश्लेषण; दिशा EY रिपोर्ट के निष्कर्षों से मेल खाती है.) ये भी पढ़ें C Krishnakumar Kerala BJP V.P पर Sexual Harassment की शिकायत

Conclusion: Setback है, पर Trend मज़बूत

संक्षेप में, US tariffs अल्पकाल में चुनौती देते हैं; फिर भी, demographics, savings-investment, reforms, और technology adoption India को तेज़ राह पर रखते हैं। इसलिए, Indian Economy News में आज की मुख्य बात यह है कि 2038 का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है, पर मार्ग स्पष्ट दिखता है—बशर्ते नीति गति, सुधारों की निरंतरता, और बाज़ार तक पहुँच पर फोकस बना रहे। ये भी पढ़ें Dharmasthala में कई दफ़न लाशें मिलने से बवाल-जानें खुलासे की पूरी कहानी

FAQs on Indian Economy News

EY क्या कहता है?

EY कहता है कि India 2038 तक PPP आधार पर दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। साथ ही, 2030 तक PPP GDP लगभग $20.7 trillion तक जा सकता है।

50% US tariffs का India पर क्या असर पड़ता है?

कुल असर GDP के लगभग 0.9% के बराबर दिखता है; लेकिन सही नीतियों से वास्तविक ग्रोथ पर चोट लगभग 0.1 percentage point तक सीमित रह सकती है।

India को ताकत कहाँ से मिलती है?

युवा आबादी, उच्च savings-investment, स्थिर fiscal रुख, और GST–IBC–UPI–PLI जैसे सुधार India की ताकत बढ़ाते हैं।

PPP क्या है और यह क्यों अहम है?

Purchasing Power Parity (PPP) स्थानीय कीमतों के हिसाब से उत्पादन और खपत की तुलना करता है। यह बताता है कि किसी देश की मुद्रा से असल में कितना खरीदा जा सकता है और यही वजह है कि भारत का PPP GDP ऊँचा दिखता है।

Indian Economy के लिए आगे की नीति प्राथमिकताएँ क्या हों?

export diversification, मजबूत domestic demand, तेज़ infrastructure, और उभरती technology में निवेश; इसी के साथ trade partnerships पर तेज़ प्रगति। (विश्लेषण EY निष्कर्षों के अनुरूप)

Disclaimer:

इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। सभी तथ्य, उद्धरण और घटनाएँ लेखन के समय सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार हैं। मैंने तथ्यों की रिपोर्टिंग में वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष रहने का प्रयास किया है, लेकिन विश्लेषण और व्याख्याएँ मेरी अपनी हैं और किसी भी संगठन या व्यक्ति की आधिकारिक राय नहीं हैं। सभी पाठकों को सलाह है कि वे अतिरिक्त शोध करें और विश्वसनीय स्रोतों से दावों की पुष्टि करें।

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