Prajwal Revanna, जो पूर्व प्रधानमंत्री HD Deve Gowda के पोते हैं और पहले सांसद भी रहे हैं, को एक गंभीर रेप केस में दोषी पाया गया है। बेंगलुरु की विशेष अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला 2025 की सबसे चर्चित और चर्चा में रहने वाली खबरों में से एक बन गया है, जिसने राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही जगहों पर हलचल मचा दी है।

क्या हुआ? – Prajwal Revanna केस की पूरी कहानी
इस केस में आरोप है कि Prajwal Revanna ने 2021 में अपने फार्महाउस और बेंगलुरु स्थित घर में 47 साल की एक घरेलू कामकाजी महिला के साथ यौन शोषण किया। पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि Revanna ने उनके साथ कई बार दुर्व्यवहार किया और साथ ही उनकी इस घटना की वीडियो बनाई। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com
पीड़िता ने आगे बताया कि Revanna का परिवार उसे चुप करवाने की कोशिश में धमकियां देता रहा, यहां तक कि उसे अगवा भी किया गया। लेकिन महिला ने हिम्मत नहीं हारी। पुलिस की मदद लेकर उसने केस दर्ज करवाया, जिससे इस मामले की जांच शुरू हुई और आरोप सार्वजनिक हो सके।
अदालत का फैसला और सुनवाई का अंदाज
2 अगस्त 2025 को विशेष अदालत ने Prajwal Revanna को बलात्कार, यौन उत्पीड़न और सबूत नष्ट करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने ₹5 लाख का जुर्माना भी लगाया।
यह फैसला लगभग छः महीने की कड़ी सुनवाई के बाद आया, जिसमें 26 गवाहों के बयान और 180 से ज्यादा दस्तावेजों की जांच की गई। अदालत ने सख्ती से कहा कि कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी पद या पहचान के क्यों न हों। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com
कोर्ट में खास पलों की चर्चा
सुनवाई के दौरान प्रज्वल भावुक हो गए और खुद को माफ करने की मांग भी की, उन्होंने कहा कि उनके लिए राजनीति में तेजी से तरक्की करना उनकी “गलती” थी। लेकिन न्यायाधीश ने स्पष्ट कर दिया कि कानून के सामने सब बराबर हैं। इस वजह से सजा कड़ी और मिसाल बनानी थी।
Prajwal Revanna मामले से जुड़े सबूत
पुलिस जांच में डिजिटल और फ़ोन रिकॉर्ड्स, गवाहों के बयान और कुछ वीडियो फाइलें बरामद हुईं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले की व्हायरलिंग के बाद Prajwal 2024 में जर्मनी भी चले गए थे। चुनाव के बाद जब वे भारत लौटे, तब उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
इस केस ने न्याय व्यवस्था की शक्ति को साबित किया है कि चाहे व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसके खिलाफ कानून सख्ती से लागू होता है। इस फैसले से पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है। साथ ही, यह केस भारत में राजनीति में अपराध और सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ एक बड़ा संदेश है।
पाजवाल के खिलाफ अभी तीन अन्य मामलों की भी जांच और सुनवाई चल रही है। इसलिए यह केवल शुरुआत है, और आने वाले समय में मीडिया और जनता की नजरें इस पर जमी रहेंगी। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com
नवीनतम अपडेट
- Prajwal Revanna वर्तमान में बेंगलुरु की केंद्रीय जेल में अपनी सजा काट रहे हैं।
- उनके ऊपर कोर्ट ने ₹5 लाख का जुर्माना भी लगाया है।
- बाकी केसों की सुनवाई अभी भी जारी है, जिनमें देश में तेज़ न्याय की मांग तेज हो रही है।
निष्कर्ष
यह मामला यह साफ संदेश देता है कि भारत में कानून की बराबरी की भावना अब और मजबूत हो रही है। चाहे आप किसी बड़े राजनीतिक परिवार से हों, किसी प्रकार का अपराध किया तो कानून के तहत ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा। Prajwal Revanna का मामला उस हिम्मत की मिसाल है जिसमें एक पीड़िता ने दबाव और ताकतवर लोगों के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई।
यह फैसला सत्ता और प्रभाव के गलत इस्तेमाल के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा कि यह केस न्याय व्यवस्था और राजनीति पर किस तरह का प्रभाव डालता है।
Disclaimer:
इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। सभी तथ्य, उद्धरण और घटनाएँ लेखन के समय सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार हैं। मैंने तथ्यों की रिपोर्टिंग में वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष रहने का प्रयास किया है, लेकिन विश्लेषण और व्याख्याएँ मेरी अपनी हैं और किसी भी संगठन या व्यक्ति की आधिकारिक राय नहीं हैं। सभी पाठकों को सलाह है कि वे अतिरिक्त शोध करें और विश्वसनीय स्रोतों से दावों की पुष्टि करें।
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