Rajasthan High Court ने आसाराम बापू पर दिया बड़ा फैसला जाने पूरी खबर

Jodhpur की पॉक्सो अदालत ने 2018 में आसाराम बापू को एक minor disciple से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वह तब से जेल में हैं। आसाराम बापू की उम्र 86 साल है और उनकी तबीयत काफी समय से खराब चल रही है। इसी कारण वे बार-बार Rajasthan High Court में मेडिकल आधार पर जमानत की मांग कर रहे हैं। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

Rajasthan High Court building and police surrounding Asharam Bapu during a court appearance.
(Jodhpur) Rajasthan High Court में Asharam Bapu की जमानत सुनवाई और पुलिस सुरक्षा

Rajasthan High Court का ताजा आदेश

  • 11 अगस्त 2025 को Rajasthan High Court के जस्टिस दिनेश मेहता और विनीत कुमार माथुर की बेंच ने आसाराम बापूकी अंतरिम जमानत 29 अगस्त 2025 तक बढ़ा दी।
  • कोर्ट ने Ahmedabad Civil Hospital को आदेश दिया है कि एक मेडिकल बोर्ड गठित करें, जिसमें कम से कम दो cardiologist और एक neurologist प्रोफेसर रैंक के हों।
  • यह मेडिकल बोर्ड आसाराम बापू की पूरी जांच करेगा और रिपोर्ट 27 अगस्त तक कोर्ट में पेश करेगा, ताकि अगली सुनवाई में आगे राहत पर फैसला हो सके। ये भी पढ़ें Brain Eating Amoeba पीने का पानी जान ले सकता है Kerala में High Alert

Rajasthan High Court : मेडिकल आधार पर ही राहत

  • कोर्ट ने साफ किया है कि यह राहत सिर्फ medical treatment और health checkup तक सीमित रहेगी।
  • अगर मेडिकल रिपोर्ट में सेहत सुधरने के संकेत मिलते हैं तो अगली सुनवाई में अंतरिम जमानत खत्म भी की जा सकती है।
  • यदि हेल्थ खराब पाई जाती है, तो आगे भी राहत दी जा सकती है। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

सुरक्षा और निगरानी

  • Asharam bapu की निगरानी पूरी तरह पुलिस और अस्पताल प्रशासन की कड़ी सुरक्षा में हो रही है।
  • उन्हें किसी भी बाहरी व्यक्ति या अनुयायी से मिलने की अनुमति नहीं है, जिससे वह अपना प्रभाव न डाल सकें।

क्यों है यह फैसला अहम?

Rajasthan High Court का यह फैसला medical grounds पर राहत की एक और मिसाल है, लेकिन कोर्ट ने हर बार यह सुनिश्चित किया कि कोई अनुचित लाभ न मिले। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अदालतें ऐसी बड़ी सजा वाले कैदी को भी, जब तक मेडिकल तर्क सही हों, कानून के दायरे में राहत दे सकती हैं। ये भी पढ़ें High Tide in Mumbai: ऊँची लहरें और भारी बारिश का अलर्ट जाने पूरी खबर

Disclaimer:

इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। सभी तथ्य, उद्धरण और घटनाएँ लेखन के समय सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार हैं। मैंने तथ्यों की रिपोर्टिंग में वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष रहने का प्रयास किया है, लेकिन विश्लेषण और व्याख्याएँ मेरी अपनी हैं और किसी भी संगठन या व्यक्ति की आधिकारिक राय नहीं हैं। सभी पाठकों को सलाह है कि वे अतिरिक्त शोध करें और विश्वसनीय स्रोतों से दावों की पुष्टि करें।

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