Satyapal Malik का निधन, जानें पूर्व राज्यपाल का विवादित राजनितिक जीवन

Jammu-Kashmir के पूर्व गवर्नर Satyapal Malik आज 5 अगस्त 2025 को दिल्ली में 79 वर्ष की आयु में चल बसे। उन्होंने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में किडनी की गंभीर बीमारी और मूत्र संक्रमण के कारण कई सप्ताह इलाज करवाया था। उनके निधन से पूरे देश में राजनीति के क्षेत्र में गहरा प्रभाव पड़ा है।

Satyapal Malik, former Jammu and Kashmir Governor, speaking at a public event wearing a yellow jacket.
पूर्व जम्मू-कश्मीर राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, उनकी याद में देश में शोक की लहर।

Satyapal Malik के राजनीतिक जीवन की शुरुआत और यात्रा

सत्यपाल Malik ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 के दशक में छात्र नेता के रूप में की। उन्होंने कई राजनीतिक दलों में काम किया, जिनमें भारतीय क्रांति दल, कांग्रेस, जनता दल और अंततः 2004 में बीजेपी शामिल हैं। Malik तीन बार लोकसभा सदस्य रहे और वी.पी. सिंह सरकार में केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे। वह ऐसे नेता माने जाते थे जो खुलकर अपनी बात रखते थे। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

जम्मू-कश्मीर कालः ऐतिहासिक क्षण

सत्यपाल Malik का सबसे महत्वपूर्ण कार्य जम्मू-कश्मीर के गवर्नर के रूप में था, जहाँ उन्होंने अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक अपनी सेवाएँ दीं। इस दौरान 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया गया और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया। Malik ने इस नाजुक स्थिति को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

किसान आंदोलन और केंद्र सरकार की आलोचना

सत्यपाल Malik ने किसान आंदोलन के दौरान केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसा विशाल आंदोलन पहले कभी नहीं देखा गया और किसानों की आवाज़ को अनसुना करना गलत है। Malik ने सरकार से आग्रह किया कि वे विरोधियों की बात गंभीरता से सुनें। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

Satyapal Malik पर भ्रष्टाचार के आरोप और जांच

गवर्नर पद से सेवानिवृत्त होने के बाद, Malik पर किरण जल विद्युत परियोजना घोटाले में जांच हुई। CBI ने अनुबंध आवंटन में अनियमितताओं के आरोप लगाए। Malik ने स्वीकार किया कि उन्हें रिश्वत दी गई लेकिन उन्होंने कोई रिश्वत नहीं ली। उनका मानना था कि भ्रष्टाचार करने वालों को कानून के तहत दंडित किया जाना चाहिए।

अंतिम दिन और देश की प्रतिक्रिया

सत्यपाल Malik के स्वास्थ्य में 2025 के मध्य में गिरावट आई। उन्होंने अस्पताल से ही सोशल मीडिया पर अपने समर्थकों को अपडेट दिया। उनके निधन पर सभी राजनीतिक दलों ने श्रद्धांजलि दी और उनकी साहसिक राजनीतिक सोच और मजबूत प्रशासनिक क्षमता को याद किया। उनका जम्मू-कश्मीर में कार्यकाल देश की संघीय राजनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय माना जाएगा। ऐसी और भी खबर आसान भाषा में पढ़ने के लिए अभी देखिये हमारी वेबसाइट Highzones.com

Satyapal Malik : विरासत और प्रभाव

सत्यपाल Malik एक साहसी नेता थे जिन्होंने हमेशा सच और न्याय के लिए आवाज उठाई। समर्थक उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद करते हैं जो सच्चाई के साथ कभी पीछे नहीं हटे। आलोचक कहते हैं कि उनकी कड़ी भाषा विवादों को जन्म देती थी, पर उनकी लगन सबको प्रेरित करती थी।

आज भारत की राजनीति उनके बिना एक महत्वपूर्ण नेता को खो चुकी है, खासकर जब लोकतंत्र, संघ और किसान अधिकारों की बहस तेज है। उनका जीवन युवाओं के लिए जिम्मेदारी और साहस की मिसाल बना रहेगा।

Disclaimer:

इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। सभी तथ्य, उद्धरण और घटनाएँ लेखन के समय सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार हैं। मैंने तथ्यों की रिपोर्टिंग में वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष रहने का प्रयास किया है, लेकिन विश्लेषण और व्याख्याएँ मेरी अपनी हैं और किसी भी संगठन या व्यक्ति की आधिकारिक राय नहीं हैं। सभी पाठकों को सलाह है कि वे अतिरिक्त शोध करें और विश्वसनीय स्रोतों से दावों की पुष्टि करें।

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